जुलाई 17, 2025 4:33 पूर्वाह्न

अनुच्छेद 326 और बिहार मतदाता सूची विवाद

चालू घटनाएँ: Article 326, निर्वाचन आयोग, बिहार मतदाता सूची संशोधन, विशेष गहन पुनरीक्षण, मतदान अधिकार, सुप्रीम कोर्ट याचिका, वयस्क मताधिकार, चुनावी धोखाधड़ी रोकथाम, हाशिए के मतदाता

Article 326 and Bihar Voter Roll Controversy

अनुच्छेद 326 क्या सुनिश्चित करता है?

अनुच्छेद 326 भारत में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का संवैधानिक आधार है। यह प्रावधान 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के प्रत्येक भारतीय नागरिक को लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों में मतदान का अधिकार देता है। यह अधिकार केवल कानूनी आधारों पर ही रोका जा सकता है, जैसे कि अवास्थान, मानसिक असंतुलन, आपराधिक दोषसिद्धि, या भ्रष्ट आचरण

Static GK जानकारी: अनुच्छेद 326 संविधान के भाग XV के अंतर्गत आता है, जो चुनावों से संबंधित है।

बिहार में मतदाता सूची संशोधन क्यों हो रहा है?

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया है क्योंकि पिछले बड़े पैमाने का संशोधन 2003 में हुआ था। जनसंख्या बदलाव, प्रवासन और नए 18 वर्ष के मतदाताओं के जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए डेटा अपडेट आवश्यक हो गया है।

इस पुनरीक्षण के तहत मृत या दोहराए गए मतदाताओं को हटाना, नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना, और जानकारी की शुद्धता सुनिश्चित करना शामिल है।

Static GK टिप: भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी और इस दिन को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अनुच्छेद 326 के अंतर्गत ECI की भूमिका

ECI का कर्तव्य है कि वह सही और अद्यतन मतदाता सूची बनाए, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रहे। बिहार में पुनरीक्षण इसी संवैधानिक जिम्मेदारी के तहत हो रहा है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि:

  • अयोग्य प्रविष्टियाँ हटाई जाएँ
  • 18 वर्ष के नए मतदाता शामिल हों
  • डेटा में त्रुटियाँ सुधारी जाएँ

आलोचना और कानूनी चुनौती

कई विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस प्रक्रिया की आलोचना की है। उनका आरोप है कि नागरिकता और अभिभावकत्व के लिए कठोर दस्तावेज़ी प्रमाण मांगे जा रहे हैं, जिनमें आधार और राशन कार्ड को स्वीकार नहीं किया जा रहा। इससे गरीब, प्रवासी और हाशिए के समुदायों के वोटिंग अधिकार छिनने की आशंका जताई गई है।

आलोचकों का कहना है कि यह प्रक्रिया मताधिकार के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट की भूमिका

इस मामले को लेकर कई याचिकाएँ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं। अदालत का निर्णय इन पहलुओं को प्रभावित करेगा:

  • भारत में मतदाता सूचियों का प्रबंधन कैसे हो
  • मतदाता पहचान के लिए मानक क्या होंगे
  • सटीकता और समावेशन के बीच संतुलन कैसे बने

Static GK जानकारी: सुप्रीम कोर्ट की स्थापना 1950 में हुई थी और यह भारत का सर्वोच्च संवैधानिक न्यायालय है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
अनुच्छेद 326 लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार सुनिश्चित करता है
भारत में मतदान आयु 18 वर्ष (61वां संविधान संशोधन, 1989)
निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950
बिहार में पिछला बड़ा संशोधन 2003
पुनरीक्षण का उद्देश्य मृत/दोहराए गए मतदाताओं को हटाना, नए शामिल करना, डेटा सुधार करना
विवाद की जड़ कठोर दस्तावेज़ी शर्तों से हाशिए के लोग बाहर हो सकते हैं
प्रमुख चिंता नागरिकता सिद्ध करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ की अनुपलब्धता
सुप्रीम कोर्ट की भूमिका प्रक्रिया की वैधता और समावेशन की समीक्षा
संबंधित संवैधानिक भाग भाग XV – चुनाव
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी
Article 326 and Bihar Voter Roll Controversy
  1. अनुच्छेद 326, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिकों के लिए सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार सुनिश्चित करता है।
  2. मतदान के अधिकार से केवल विकृत मन, आपराधिक दोषसिद्धि या गैर-निवास जैसे कारणों से ही इनकार किया जा सकता है।
  3. अनुच्छेद 326, भारतीय संविधान के भाग XV के अंतर्गत आता है, जो चुनावों से संबंधित है।
  4. भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने बिहार में एक विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया।
  5. बिहार में मतदाता सूची का अंतिम बड़ा अद्यतन 2003 में किया गया था, जिससे वर्तमान संशोधन महत्वपूर्ण हो गया है।
  6. संशोधन का लक्ष्य डुप्लिकेट को हटाना, नए मतदाताओं को जोड़ना और डेटा में सुधार करना है।
  7. ECI चुनावी सटीकता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए अनुच्छेद 326 के तहत संशोधन को उचित ठहराता है।
  8. संशोधन के दौरान आधार और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज़ी प्रमाण कथित तौर पर अस्वीकार किए जा रहे हैं।
  9. कार्यकर्ताओं का दावा है कि यह प्रक्रिया प्रवासियों, गरीबों और हाशिए पर पड़े समूहों को मताधिकार से वंचित कर सकती है।
  10. तंग समय-सीमाओं ने बहिष्कार और पहुँच को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
  11. विपक्षी दलों का आरोप है कि संशोधन का कार्यान्वयन भेदभावपूर्ण हो सकता है।
  12. एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में कई याचिकाएँ दायर की गई हैं।
  13. 1950 में स्थापित भारत का सर्वोच्च न्यायालय इस संशोधन की वैधता पर निर्णय करेगा।
  14. न्यायालय का निर्णय भविष्य की मतदाता सूची प्रबंधन और समावेशन नीतियों को आकार दे सकता है।
  15. 1989 में 61वें संविधान संशोधन द्वारा भारत की मतदान आयु घटाकर 18 वर्ष कर दी गई थी।
  16. 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो 1950 में चुनाव आयोग की स्थापना का प्रतीक है।
  17. चुनाव आयोग के संवैधानिक कर्तव्य में निष्पक्ष और समावेशी मतदाता सूची सुनिश्चित करना शामिल है।
  18. मतदाता सूची की गहन जाँच के लिए चुनावी धोखाधड़ी की रोकथाम को एक प्रमुख कारण बताया गया है।
  19. आलोचकों का तर्क है कि सख्त दस्तावेज़ों की आवश्यकता नागरिकों के मतदान के अधिकार का उल्लंघन है।
  20. यह विवाद चुनावी अखंडता और लोकतांत्रिक पहुँच के बीच संतुलन बनाने पर चल रही व्यापक बहस को दर्शाता है।

Q1. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 326 क्या सुनिश्चित करता है?


Q2. बिहार में चुनाव आयोग विशेष तीव्र पुनरीक्षण (SIR) क्यों कर रहा है?


Q3. बिहार की मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रमुख आलोचना क्या है?


Q4. कौन सी न्यायिक संस्था वर्तमान में बिहार के SIR प्रक्रिया के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई कर रही है?


Q5. भारतीय संविधान के किस भाग में अनुच्छेद 326 शामिल है?


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