अडयार नदी की विषैली हकीकत: सुरक्षित सीमा से 10 गुना अधिक फीकल कॉलिफॉर्म
अडयार नदी, जो कभी चेन्नई की जीवनरेखा मानी जाती थी, अब शहरी पर्यावरणीय गिरावट का प्रतीक बन चुकी है। हाल की जांचों में फीकल कॉलिफॉर्म का स्तर 1026 MPN/100 ml पाया गया है, जो कि सुरक्षित सीमा 100 MPN/100 ml से 10 गुना अधिक है। यह बैक्टीरिया मानव और पशु अपशिष्ट से आते हैं और गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं। ये सूक्ष्मजीव जब जल स्रोतों में पहुंचते हैं, तो इनके साथ ई.कोलाई और जिआर्डिया जैसे खतरनाक रोगाणु भी आ सकते हैं, जिससे बच्चे, वृद्ध और प्रतिरक्षा में कमजोर लोग विशेष रूप से प्रभावित होते हैं।
मछलियों की मृत्यु और पारिस्थितिकी तंत्र की चेतावनी
जून 2024 में अडयार इको-पार्क में मछलियों की सामूहिक मृत्यु पहली स्पष्ट चेतावनी थी। बाद की जांच से पता चला कि विषैली जल गुणवत्ता और कम ऑक्सीजन स्तर, जो मुख्यतः फीकल प्रदूषण के कारण हुए थे, इस घटना के लिए जिम्मेदार थे। जब बैक्टीरिया जैविक अपशिष्ट को खाकर विकसित होते हैं, तो वे जल में घुलित ऑक्सीजन का उपभोग करते हैं, जिससे जलचर जीव दम घुटने से मर जाते हैं। यह प्रकृति का संकेत था कि नदी तेजी से मर रही है।
अडयार नदी में Biological Oxygen Demand (BOD) 133 mg/l (सुरक्षित सीमा: 3 mg/l) और Chemical Oxygen Demand (COD) 136 mg/l (सुरक्षित सीमा: 280 mg/l) दर्ज किया गया। BOD और COD का यह उच्च स्तर ऑक्सीजन की भारी कमी को दर्शाता है। साथ ही, कुल नाइट्रोजन स्तर 57.74 mg/l पाया गया जो सुरक्षित सीमा से दोगुना से भी अधिक है, जिससे यूटरोफिकेशन और शैवाल वृद्धि का खतरा बढ़ गया है।
कौन कर रहा है अडयार को प्रदूषित?
प्रदूषण के कारण बहुत साफ हैं:
• आवासीय इलाकों से असंसाधित सीवेज का बहाव
• उद्योगों और घरों द्वारा अवैध अपशिष्ट निष्कासन
• स्टॉर्मवाटर ड्रेनों का नदी में सीधा निर्वहन
• खराब कचरा प्रबंधन और अपर्याप्त सीवेज ट्रीटमेंट
हालांकि अडयार-कूम नदी पुनर्स्थापन जैसी योजनाएं पहले भी आईं, लेकिन शहरी विस्तार, नीतिगत विफलताएं और कमजोर प्रवर्तन के चलते ठोस सुधार नहीं हो पाया। यह समस्या तकनीकी नहीं बल्कि प्रशासनिक है।
अडयार को बचाने की राह: संकट से पुनरुद्धार की ओर
यदि तुरंत कार्रवाई की जाए तो आशा की किरण अब भी बाकी है:
• सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) का उन्नयन और कवरेज का विस्तार
• औद्योगिक अपशिष्ट निष्कासन पर कड़ी सज़ा और प्रवर्तन
• असंबद्ध क्षेत्रों में स्थानीय जल शोधन इकाइयों की स्थापना
• नागरिकों द्वारा रिपोर्टिंग और सफाई अभियानों को प्रोत्साहन
• नदी किनारों पर बफर ज़ोन और देशी पौधों की पुनर्वनीकरण
जैसे दिल्ली की यमुना या अहमदाबाद की साबरमती को पुनर्जीवन मिला, वैसे ही अडयार भी पुनः जीवित हो सकती है — यदि नागरिक, योजनाकार और नीति निर्माता एकजुट हों।
STATIC GK SNAPSHOT प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए
विषय | विवरण |
नदी का स्थान | चेन्नई, तमिलनाडु |
फीकल कॉलिफॉर्म स्तर | 1026 MPN/100 ml (सुरक्षित सीमा: 100 MPN/100 ml) |
BOD | 133 mg/l (सुरक्षित सीमा: 3 mg/l) |
COD | 136 mg/l (सुरक्षित सीमा: 280 mg/l) |
कुल नाइट्रोजन | 57.74 mg/l (सुरक्षित सीमा: 23.697 mg/l) |
मछलियों की मृत्यु | जून 2024, अडयार इको-पार्क में |
MPN का पूर्ण रूप | मोस्ट प्रॉबेबल नंबर (बैक्टीरिया की गणना विधि) |
मुख्य प्रदूषण स्रोत | सीवेज, औद्योगिक अपशिष्ट, स्टॉर्मवाटर ड्रेन |
समाधान की आवश्यकता | STP उन्नयन, बफर ज़ोन, सख्त प्रवर्तन, सार्वजनिक भागीदारी |