द्वीपीय विरासत और शिल्पकला को ऐतिहासिक मान्यता
2025 में पहली बार अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के सात पारंपरिक उत्पादों को एक साथ भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्राप्त हुआ। यह न केवल स्थानीय जनजातीय सांस्कृतिक विरासत की आधिकारिक मान्यता है, बल्कि इससे इन उत्पादों को कानूनी संरक्षण और राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड पहचान भी प्राप्त होगी। GI टैग से इन समुदायों को आर्थिक मजबूती, परंपरागत शिल्प का पुनरुद्धार, और सतत आजीविका की दिशा में मदद मिलेगी।
जिन सात उत्पादों को GI टैग मिला है
ये उत्पाद कृषि, हस्तशिल्प और जनजातीय परंपराओं का विलक्षण मिश्रण हैं:
- निकोबार नारियल – बड़े आकार, मोटे गूदे और विशिष्ट स्वाद के लिए प्रसिद्ध, यह नारियल निकोबार द्वीपों का प्रमुख कृषि उत्पाद है।
• तावी–ई–नगैच (वर्जिन नारियल तेल) – पारंपरिक शीत-प्रेस तकनीक से निकाला गया उच्च गुणवत्ता वाला तेल, औषधीय गुणों से युक्त।
• करेन मुसली चावल – करेन जनजाति द्वारा उगाया गया सुगंधित और स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र के अनुरूप चावल।
• होड़ी (आउटरिगर डोंगी) – मछली पकड़ने और आवागमन के लिए उपयोग में लाई जाने वाली पारंपरिक निकोबारी नाव।
• निकोबारी चटाई (चत्रैहिलिउओई) – पांडनस पत्तों से हाथ से बुनी गई सुंदर और टिकाऊ चटाइयाँ।
• निकोबारी झोपड़ी (चान्वी पाटी – नयी हुपुल) – तूफान और भारी वर्षा के लिए उपयुक्त गुंबदनुमा पारंपरिक झोपड़ियाँ।
• पडौक लकड़ी शिल्प – स्थानीय पडौक लकड़ी से निर्मित आकर्षक और जटिल काष्ठकला, अपने टिकाऊपन और लाल रंग के लिए प्रसिद्ध।
NABARD की भूमिका: पृष्ठभूमि में सशक्त समर्थन
इन पंजीकरणों को सफल बनाने में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) की भूमिका केंद्रीय रही। NABARD ने तकनीकी मार्गदर्शन, कानूनी सहयोग और प्रलेखन प्रक्रिया में जनजातीय कारीगरों की मदद की, जिससे ये उत्पाद GI रजिस्ट्री तक पहुँच सके और औपचारिक मान्यता प्राप्त कर सके।
GI टैग का महत्व
भौगोलिक संकेतक किसी भी पारंपरिक उत्पाद की उत्पत्ति, गुणवत्ता और विशिष्टता को मान्यता देने वाला कानूनी प्रमाण है। यह बाज़ार में पहचान, ब्रांड वैल्यू और नकली उत्पादों से संरक्षण प्रदान करता है — जैसे दार्जिलिंग चाय, मैसूर सिल्क और अब निकोबार नारियल।
संस्कृति का संरक्षण, अर्थव्यवस्था का संवर्धन
इन GI टैग्स से स्थानीय शिल्पकारों को प्रोत्साहन, जनजातीय उद्यमिता का विस्तार और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच पर लाने का मार्ग प्रशस्त होगा। यह भारत के वोकल फॉर लोकल दृष्टिकोण और सांस्कृतिक संरक्षण के मिशन को भी मज़बूती देता है।
Static GK Snapshot
विषय | विवरण |
GI टैग प्राप्त | अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के 7 उत्पाद |
प्रमुख उत्पाद | निकोबार नारियल, करेन चावल, होड़ी डोंगी, पडौक लकड़ी शिल्प |
सहयोगी संस्था | NABARD (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) |
पंजीकरण निकाय | भारत की भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री |
समुदाय | निकोबारी और करेन जनजातियाँ |
ऐतिहासिक उपलब्धि | पहली बार 7 उत्पादों को एक साथ GI टैग प्राप्त (2025) |