अंग दान के क्षेत्र में ऐतिहासिक वर्ष
वर्ष 2024 में, तमिलनाडु ने 268 मरणोपरांत अंग दानदाताओं के साथ भारत में सर्वाधिक अंग दान दर्ज किया — यह देश के अंग प्रत्यारोपण आंदोलन में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह उपलब्धि ट्रांसप्लांट अथॉरिटी ऑफ तमिलनाडु (TRANSTAN), चिकित्सा संस्थानों और उन परिवारों की समन्वित भागीदारी से संभव हुई, जिन्होंने दान के माध्यम से जीवन देने का निर्णय लिया।
इनमें से 146 दानदाता (54.48%) सरकारी अस्पतालों से और 122 निजी अस्पतालों से थे, जो इस प्रयास को एक समावेशी स्वास्थ्य सेवा मॉडल बनाते हैं। 2022 में 156 और 2023 में 178 दानदाताओं की तुलना में 2024 की यह वृद्धि, तमिलनाडु की जनस्वास्थ्य प्रतिबद्धता और ट्रांसप्लांट तंत्र की दक्षता को दर्शाती है।
तमिलनाडु को राष्ट्रीय अग्रणी क्या बनाता है?
तमिलनाडु लंबे समय से मृत अंग प्रत्यारोपण (Cadaver Organ Transplantation) में अग्रणी रहा है — भारत का पहला संगठित शव अंग दान कार्यक्रम यहीं शुरू हुआ था। इसके पीछे प्रमुख कारक हैं:
- TRANSTAN – जो मैचिंग, लॉजिस्टिक्स और डेटाबेस प्रबंधन करता है
• ग्रीन कॉरिडोर – अस्पतालों के बीच तेज़ और ट्रैफिक–रहित मार्ग से अंगों का परिवहन
• जनजागरूकता अभियान – स्कूलों, एनजीओ और चिकित्सा संस्थानों द्वारा संचालित
• प्रशिक्षित शोक परामर्शदाता और अस्पताल समन्वयक, जो पारिवारिक सहमति और नैतिक प्रक्रिया सुनिश्चित करते हैं
राजीव गांधी सरकारी अस्पताल (RGGGH), स्टेनली मेडिकल कॉलेज, मदुरै GH जैसे अस्पतालों ने इस प्रयास में अग्रणी भूमिका निभाई है, जो यह सिद्ध करते हैं कि सरकारी अस्पताल भी जटिल और मूल्यवान चिकित्सा हस्तक्षेप में नेतृत्व कर सकते हैं।
स्थैतिक जीके स्नैपशॉट – परीक्षा हेतु
विषय | तथ्य |
वर्ष 2024 में सर्वाधिक अंग दान वाला राज्य | तमिलनाडु (268 दानदाता) |
कार्यकारी निकाय | TRANSTAN (ट्रांसप्लांट अथॉरिटी ऑफ तमिलनाडु) |
लिंग विभाजन | 218 पुरुष, 50 महिला दानदाता |
प्रमुख सरकारी अस्पताल | RGGGH, स्टेनली GH, मदुरै GH |
भारत का पहला शव अंग दान कार्यक्रम | तमिलनाडु |
राष्ट्रीय अंग दान दिवस | 13 अगस्त |
ग्रीन कॉरिडोर | अंगों के तेज़ परिवहन हेतु विशेष ट्रैफिक-मुक्त मार्ग |