भारत की दुग्ध अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना
संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) को ₹1,000 करोड़ की अतिरिक्त राशि के साथ सशक्त किया गया है, जिससे 2021–2026 की 15वीं वित्त आयोग अवधि के लिए कुल बजट ₹3,400 करोड़ हो गया है। यह उन्नत मिशन दूध उत्पादन में वृद्धि, पशुधन की उत्पादकता सुधार और विशेष रूप से देशी नस्लों पर निर्भर ग्रामीण डेयरी किसानों को समर्थन देने पर केंद्रित है।
प्रमुख सुधार और किसान केंद्रित लाभ
संशोधित मिशन के अंतर्गत सबसे प्रभावशाली सुधारों में से एक है हाइफ़र रearing केंद्रों की स्थापना, जहाँ किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली बछियों को पालने हेतु 35% पूंजी लागत सहायता दी जाती है। 15,000 बछियों को पालने के लिए 30 केंद्र बनाए जाने का लक्ष्य है। साथ ही, उच्च आनुवंशिक योग्यता वाली IVF हाइफ़रों को खरीदने हेतु 3% ब्याज सब्सिडी भी दी जा रही है, जिससे किसानों को बेहतर नस्ल वाले पशुओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।
तकनीकी प्रगति और वीर्य सेवा
पूर्व प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, RGM देशभर में वीर्य स्टेशन और कृत्रिम गर्भाधान (AI) नेटवर्क का आधुनिकीकरण कर रहा है। बुल प्रोडक्शन प्रोग्राम और सेक्स–सॉर्टेड वीर्य जैसी पहलों के माध्यम से नस्ल सुधार को गति दी जा रही है। अब तक 22 IVF प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकी हैं और गौ चिप और महिष चिप जैसी तकनीकों के माध्यम से देशी नस्लों की आनुवंशिक मैपिंग और संवर्धन किया जा रहा है।
दूध उत्पादन और उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि
अपने शुभारंभ के बाद से, RGM के तहत दूध उत्पादन में 63.55% की वृद्धि हुई है। प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम/दिन से बढ़कर 2023-24 में 471 ग्राम/दिन हो गई है। साथ ही, दूध उत्पादकता में 26.34% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो नस्ल सुधार और AI सेवाओं की व्यापक पहुंच का परिणाम है।
देशव्यापी मुफ्त कृत्रिम गर्भाधान का प्रभाव
राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (NAIP) के माध्यम से देश के 605 जिलों में किसानों को मुफ्त AI सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ AI कवरेज 50% से कम था। अब तक 5.21 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं और 8.39 करोड़ पशुओं की सेवा की जा चुकी है, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े पशु प्रजनन अभियानों में से एक बन गया है।
देशी नस्लों को बढ़ावा और किसान कल्याण
इस संशोधित मिशन का मुख्य उद्देश्य देशी गायों की नस्लों का संरक्षण और संवर्धन है। IVF, सेक्स–सॉर्टिंग और जीनोमिक चिप्स के उपयोग से यह मिशन आधुनिक तकनीकों के माध्यम से पशुपालन क्षेत्र का आधुनिकीकरण कर रहा है। अब तक 8.5 करोड़ से अधिक डेयरी किसान, विशेषकर छोटे और ग्रामीण क्षेत्रों के किसान, इस योजना से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं, जिससे आय, पोषण और ग्रामीण स्थिरता में सुधार हो रहा है।
STATIC GK SNAPSHOT (स्थिर सामान्य ज्ञान सारांश)
विषय | विवरण |
योजना का नाम | संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) |
मंत्रालय | मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय |
संशोधित बजट | ₹3,400 करोड़ (2021–2026, 15वीं वित्त आयोग) |
प्रमुख पहलें | IVF प्रयोगशालाएं, AI सेवाएं, हाइफ़र रearing, गौ चिप |
दूध उत्पादन वृद्धि | 10 वर्षों में 63.55% वृद्धि |
प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता | 471 ग्राम/दिन (2023–24) |
NAIP से लाभान्वित किसान | 5.21 करोड़ |
देशी नस्ल तकनीक | गौ सॉर्ट, महिष चिप, जीनोमिक मैपिंग |
स्थापित IVF प्रयोगशालाएं | देशभर में 22 |
दीर्घकालिक लक्ष्य | उत्पादकता में सुधार, देशी नस्लों का संरक्षण |