जनजातीय स्वास्थ्य के लिए पोषण संबंधी सफलता
ICAR-सेंट्रल ट्यूबर क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (CTCRI) ने SP-95/4 नामक ऑरेंज-फ्लेश स्वीट पोटैटो की एक विशेष किस्म विकसित की है, जिसका उद्देश्य विटामिन A की कमी को दूर करना और जनजातीय समुदायों के लिए खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है। यह किस्म केरल, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में फील्ड ट्रायल्स में सफल रही है और अब इसे बड़े पैमाने पर खेती के लिए मंजूरी दी गई है।
पोषण मूल्य और अनुकूलता
SP-95/4 में बीटा-कैरोटीन की मात्रा 8 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम है, जो विटामिन A का स्रोत है और पोषणीय अंधता और रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी से बचाव करता है। प्रत्येक कंद का औसत वजन 300 ग्राम है और इसका धुरीनुमा आकार (fusiform) इसे औद्योगिक प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त बनाता है। यह किस्म जलवायु सहिष्णु है और पहाड़ी जनजातीय क्षेत्रों सहित विभिन्न भूभागों में उगाई जा सकती है।
परीक्षण, खेती और विस्तार की योजनाएं
इस किस्म का विभिन्न स्थानों पर परीक्षण किया गया, और इसकी उत्पादकता और अनुकूलन क्षमता सिद्ध हुई। केरल के अट्टप्पाड़ी क्षेत्र में अंतिम चरण का परीक्षण इसकी प्रयोगिक सफलता दर्शाता है। वर्तमान में यह 10–15 एकड़ में उगाई जा रही है, लेकिन 2025 के अंत तक इसे 100 एकड़ तक विस्तारित करने की योजना है। इसके साथ-साथ, CSR फंडिंग के तहत एक प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की योजना भी बनाई गई है, जिससे कृषकों की भागीदारी और आर्थिक व्यवहार्यता बढ़ सके।
रेनबो डाइट और पुनर्जीवनम पहलें
यह खेती कार्यक्रम दो प्रमुख पहलों से जुड़ा है:
- रेनबो डाइट कार्यक्रम (2023): CTCRI द्वारा शुरू की गई यह योजना, जनजातीय आहार में बायोफोर्टिफाइड कंद फसलों को बढ़ावा देने का कार्य करती है।
- पुनर्जीवनम परियोजना (2024): कुदुंबश्री और CTCRI द्वारा मिलकर शुरू की गई यह पहल, अट्टप्पाड़ी क्षेत्र में खाद्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है।
इन पहलों का उद्देश्य आहार विविधता को प्रोत्साहित करना, स्वस्थ भोजन की आदतें विकसित करना, और स्थानीय रूप से उगाई गई पोषक फसलों को दैनिक आहार का हिस्सा बनाना है।
जनस्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव
इस स्वीट पोटैटो की खेती से जनजातीय समुदायों में आहार की गुणवत्ता में सुधार होता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य के नतीजों में बढ़ोतरी होती है। साथ ही, यह पहल आजीविका समर्थन प्रदान करती है। यह मॉडल सतत कृषि के ज़रिए कुपोषण से निपटने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास अभियानों के अनुरूप है। SP-95/4 की सफलता को देखते हुए, अन्य राज्य भी इस मॉडल को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
Static GK जानकारी सारांश
विशेषता | विवरण |
किस्म का नाम | SP-95/4 (ऑरेंज-फ्लेश स्वीट पोटैटो) |
विकसित किया | ICAR-Central Tuber Crops Research Institute (CTCRI) |
पोषण मूल्य | 8 मि.ग्रा./100 ग्राम बीटा-कैरोटीन |
लक्ष्य क्षेत्र | केरल (अट्टप्पाड़ी), ओडिशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल |
परीक्षण सफलता | अट्टप्पाड़ी में अंतिम परीक्षणों में पुष्टि |
पहलकदमियां | रेनबो डाइट प्रोग्राम (2023), पुनर्जीवनम परियोजना (2024) |
विस्तार लक्ष्य | 2025 तक 100 एकड़ में खेती |
सार्वजनिक स्वास्थ्य फोकस | जनजातीय क्षेत्रों में विटामिन A की कमी को कम करना |
प्रसंस्करण इकाई | CSR फंडिंग द्वारा प्रस्तावित |
महत्व | जनजातीय पोषण को बढ़ावा, किसान आय में वृद्धि, दोहराने योग्य मॉडल |